हिन्दी दिवस | कविता,Hindi Poem on Hindi Diwas,Poem on Hindi Diwas in Hindi for Kids. Vishwa Matri Bhasha Divas par Kavita, Rashtrabhasha Day, Pakhwara, 14 September Poetry, Slogans, SMS, Shayari
संस्कृत की एक लाड़ली बेटी है ये हिन्दी।
बहनों को साथ लेकर चलती है ये हिन्दी।
सुंदर है, मनोरम है, मीठी है, सरल है,
ओजस्विनी है और अनूठी है ये हिन्दी।
पाथेय है, प्रवास में, परिचय का सूत्र है,
मैत्री को जोड़ने की सांकल है ये हिन्दी।
पढ़ने व पढ़ाने में सहज है, ये सुगम है,
साहित्य का असीम सागर है ये हिन्दी।
तुलसी, कबीर, मीरा ने इसमें ही लिखा है,
कवि सूर के सागर की गागर है ये हिन्दी।
वागेश्वरी का माथे पर वरदहस्त है,
निश्चय ही वंदनीय मां-सम है ये हिंदी।
अंग्रेजी से भी इसका कोई बैर नहीं है,
उसको भी अपनेपन से लुभाती है ये हिन्दी।
यूं तो देश में कई भाषाएं और हैं,
पर राष्ट्र के माथे की बिंदी है ये हिन्दी।
बहनों को साथ लेकर चलती है ये हिन्दी।
सुंदर है, मनोरम है, मीठी है, सरल है,
ओजस्विनी है और अनूठी है ये हिन्दी।
पाथेय है, प्रवास में, परिचय का सूत्र है,
मैत्री को जोड़ने की सांकल है ये हिन्दी।
पढ़ने व पढ़ाने में सहज है, ये सुगम है,
साहित्य का असीम सागर है ये हिन्दी।
तुलसी, कबीर, मीरा ने इसमें ही लिखा है,
कवि सूर के सागर की गागर है ये हिन्दी।
वागेश्वरी का माथे पर वरदहस्त है,
निश्चय ही वंदनीय मां-सम है ये हिंदी।
अंग्रेजी से भी इसका कोई बैर नहीं है,
उसको भी अपनेपन से लुभाती है ये हिन्दी।
यूं तो देश में कई भाषाएं और हैं,
पर राष्ट्र के माथे की बिंदी है ये हिन्दी।
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Poem
on Hindi Diwas in Hindi for Kids. Vishwa Matri Bhasha Divas par Kavita,
Rashtrabhasha Day, Pakhwara, 14 September Poetry, Slogans, Lines,
Quotes, Information, Sms. हिंदी भाषा दिवस पर कविता, नारे.
जन-जन तक हिंदी पहुँचा दूँ
कल रात हिंदी को
मैंने सपने में देखा
उसके मुखमंडल पर छायी थी
गहरी उदासी की रेखा.
मैंने पूछा हिंदी से
इतनी गुमसुम हो कैसे?
अब तो हिंदी दिवस है आना
सम्मान तुम्हे सब से है पाना.
हिंदी बोली यही गिला है
वर्ष का इक दिन मुझे मिला है
अपने देश में मैं हूँ पराई
ऐसा मान न चाहूँ भाई.
मेरे बच्चे मुझे न जाने
लोहा अंग्रेजी का माने
सीखे लोग यहाँ जापानी
पर मैं हूँ बिल्कुल अनजानी.
हिंदी की ये बात सुनी जब
ग्लानि से भर उठी मैं तब
सोचा माँ की पीर बंटा दूँ
जन-जन तक हिंदी पहुँचा दूँ.
मोनिका जैन 'पंछी'