अहम से जी रहे हो

जब तक तुम अहम से जी रहे हो तब
तक तुम्हारे साथ अज्ञान दुःख
मूढ़ता और विकार चलेंग और तुम
स्वयम के गुलाम स्वयम ही बनोगे।
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