मुस्कुराते हैं

चलो कुछ पुराने दोस्तों के दरवाज़े खटखटाते हैं
देखते हैं उनके पँख थक चुके हैं.…या अभी भी फड़फड़ाते हैं

वो बेतकल्लुफ़ होकर किचेन में कॉफ़ी मग लिए बतियाते हैं
या ड्राइंग रूम में बैठा कर  टेबल पर नाश्ता सजाते हैं

हँसते हैं खिलखिलाकर या होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं
वो बता देतें हैं सारी आपबीती या सिर्फ सक्सेस स्टोरी सुनाते हैं

हमारा चेहरा देख वो अपनेपन से मुस्कुराते हैं
या घड़ी की और देखकर हमें जाने का वक़्त बताते हैं

चलो कुछ पुराने दोस्तों के दरवाज़े खटखटाते हैं
देखते हैं उनके पँख थक चुके हैं.…या अभी भी फड़फड़ाते हैं...!!!
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