वो जान गयी थी हमें दर्द में मुस्कराने की आदत हैं,
वो रोज नया जख्म देती थी मेरी ख़ुशी के लिए…
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तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया बेवफ़ा
वरना तू सुर्खियों में रहे, तेरी इतनी औकात नहीं!!!
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एक ही चौखट पे सर झुके तो सुकून मिलता है,
भटक जाते हैं वो लोग जिनके हजारों खुदा होते हैं
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मौसमे बाहारोँ की हर अदा सताती है फूज जख्म देते है
चाँदनी जलाती है कारँवा से मँजिल तक कुछ नजर नही आता
जब किसी मुसाफिर की आस टूट जाती है
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आशिकों ने ही दिया है तुझको ये मुकाम गज़ब का,
वरना, ऐ इश्क तेरी दो कौड़ी की औकात नहीं
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मैंने पूछा उनसे, भुला दिया मुझको कैसे..?
चुटकियाँ बजा के वो बोली… ऐसे, ऐसे, ऐसे…
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वो रोज नया जख्म देती थी मेरी ख़ुशी के लिए…
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तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया बेवफ़ा
वरना तू सुर्खियों में रहे, तेरी इतनी औकात नहीं!!!
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एक ही चौखट पे सर झुके तो सुकून मिलता है,
भटक जाते हैं वो लोग जिनके हजारों खुदा होते हैं
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मौसमे बाहारोँ की हर अदा सताती है फूज जख्म देते है
चाँदनी जलाती है कारँवा से मँजिल तक कुछ नजर नही आता
जब किसी मुसाफिर की आस टूट जाती है
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आशिकों ने ही दिया है तुझको ये मुकाम गज़ब का,
वरना, ऐ इश्क तेरी दो कौड़ी की औकात नहीं
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मैंने पूछा उनसे, भुला दिया मुझको कैसे..?
चुटकियाँ बजा के वो बोली… ऐसे, ऐसे, ऐसे…
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chat lage pataa chale dard ruwai kahlati h"
yakeen na ho to shoch kr dekhe pataa chalne pr parchai ban jati h!
yakeen na ho to shoch kr dekhe pataa chalne pr parchai ban jati h!
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विज्ञान कहता है जीभ पर लगी हुई चोट सबसे जल्दी ठीक हो जाती है।
लेकिन ज्ञान कहता है जीभ से लगी चोट कभी ठीक नही होती
लेकिन ज्ञान कहता है जीभ से लगी चोट कभी ठीक नही होती
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पीछे देख तो जरा वो बादल उतरने लगे हैं झील में,
तू ख्यालों के हांसी सा ये में रहती है रात दिन कुछ नहीं है जिंदगानी मेरी /तनहा है तेरे बिन
तू ख्यालों के हांसी सा ये में रहती है रात दिन कुछ नहीं है जिंदगानी मेरी /तनहा है तेरे बिन
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खामोश रह तनहा बैठ याद कर उसको,
तुमने इश्क़ किया है
गुनाह छोटा नहीं है तेरा...
तुमने इश्क़ किया है
गुनाह छोटा नहीं है तेरा...
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मै हीरा था मेरी रौशनी झेलने लायक उनकी आँखे नही थी
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली की कहावत भी सही थी
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली की कहावत भी सही थी
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पल
पल से बनता है एहसास,एहसास से बनता है विश्वास,
विश्वास से बनते है रिश्ते,
आेर रिश्ताें से बनता है काेई खास आैर वाे हैं मेरा महान
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"महोब्बत" के चक्रव्युह को तोड़ना जानती थी वो,
मैं वो अभिमन्यु था,जो चक्रव्युह को तोड नही पाया..
और मारा गया.
मैं वो अभिमन्यु था,जो चक्रव्युह को तोड नही पाया..
और मारा गया.
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2 Line Shayari,
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